वकफ टूडे : लखनऊ: नजूल संपत्ति प्रबंधन अध्यादेश (संशोधित) 2024 के मसौदे को योगी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में प्रस्ताव रखा था, लेकिन कैबिनेट ने नजूल संपत्ति प्रबंधन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी, इसके लिए कैबिनेट ने मंत्री सुरेश खन्ना के अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया। यह कमेटी अध्ययन करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंपेगी। उसके बाद नुजूल भूमि संपत्ति पर विचार करेगी सरकार।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक योगी कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद शर्तों के साथ नजूल की जमीन को सीएम की अनुमति के बाद फ्री होल्ड कराया जा सकेगा ।
बता दें कि नजूल जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास होता है. हालांकि सरकार इसे राज्य की संपत्ति के रूप में सीधे प्रशासित नहीं कर सकती। राज्य आमतौर पर ऐसी भूमि को किसी शख्स या संस्था को एक निश्चित समय के लिए पट्टे पर आवंटित करती है। जो आमतौर पर 15 से 99 साल के बीच होती है।
नजूल की जमीन ज्यादातर उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश बिहार और अन्य प्रदेशों में मुस्लिम बहुलय इलाके में पाई जाती है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि ज्यादातर पटटा धारी बड़े रसूक वाले गैर मुस्लिम हैं। मिसाल के तौर पर लखनऊ, मेरठ अलीगढ़ ,बरेली मुरादाबाद , वाराणसी,मऊनाथ भंजन व इलाहाबाद में पाई जाती है।