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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को 15 दिन में वक्फ ट्रिब्यूनल में सदस्य नामित करने के लिए आदेश।


वक्फ टूडे: न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ ट्रिब्यूनल में 15 दिनों के भीतर एक अन्य सदस्य (अपर जिला मजिस्ट्रेट की पंक्ति का अधिकार /अपर कलेक्टर) की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए।

क्यों बनाया जाता है ट्रिब्यूनल ?

सरकार के द्वारा देश के अन्य प्रदेश की तरह वक़्फ़ ट्रिब्यूनल बनाया गया, जिसमें वक़्फ़ सम्पत्ति और उनसे जुड़े विवाद का निबटारा किया जाता है। वक़्फ़ ट्रिब्यूनल वक़्फ़ एक्ट 1995 की धारा 83 के तहत राज्य सरकार राजपत्र में अधिसूचना जारी कर गठन करती है। इसी तरह कई ट्रिब्यूनल सरकार द्वारा बनाए जाते हैं।

इसमें स्टेट एडमिनिस्ट्रेट ट्रिब्यूनल (SAT) सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT), इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT), कस्टम्स एक्साइज एंड सर्विसेज टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (CESTAT), नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT), कम्पटीशन अपीलेट ट्रिब्यूनल (COMPAT), सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) आदि होते हैं।

वक़्फ़ ट्रिब्यूनल में कौन कौन होते हैं ?

इस ट्रिब्यूनल में वक़्फ़ एक्ट 1995 की धारा 83 के अनुसार तीन सदस्य होते हैं, एक राज्य सरकार द्वारा कार्यरत सेशन जज दूसरा मुस्लिम विधि का ज्ञाता कोई विधि विशेषज्ञ तीसरा अपर जिला मजिस्ट्रेट या समतुल्य ऑफिसर होता है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में वक़्फ़ ट्रिब्यूनल में दो सदस्य हैं, जिसमें किरण चतुर्वेदी और मुस्लिम विधि के जानकार अधिवक्ता हामिद हुसैन, लेकिन तीसरे सदस्य की नियुक्ति नहीं हो पाई है, जिसके चलते ,ट्रिब्यूनल की अध्यक्ष किरण चतुर्वेदी के द्वारा सदस्य हामिद हुसैन को वक़्फ़ बोर्ड या मस्जिद के सलाहकार हैं कहकर काम नहीं करने दिया जा रहा है।

नियुक्ति को लेकर मामला माननीय हाई कोर्ट तक गया था। आपसी विवाद और खींचतान के चलते वक़्फ़ के मामलों का काम सुचारू रूप से संपन्न नहीं हो पा रहा है, जिससे पीड़ित होकर याचिका कर्ता रामअवतार अग्रवाल माननीय हाई कोर्ट गए।

याचिका प्रस्तुत की उनसे बात करने की चेष्टा की गई मोबाइल बंद होने और उनके एक अधिवक्ता से चर्चा की गई जिन्होंने उनके बाहर होने की जानकारी दी और आठ दिन बाद बात करने के लिए कहा और उन्होंने याचिका कर्ता का फ़ोन नंबर दिया था

15 दिन के भीतर नियुक्ति करने के आदेश

कई मामले पेंडिंग हैं। इसी से पीड़ित होकर रामावतार अग्रवाल हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ राज्य वक़्फ़ बोर्ड को आदेश दिया है कि छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ ट्रिब्यूनल में 15 दिनों के अंदर एक अन्य सदस्य (अपर कलेक्टर) की नियुक्ति की जाए।

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