उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर वक्फ संपत्तियों का सर्वे चल रहा है
जिलाधिकारी बताएंगे कि वक्फ संपत्तियां अधिसूचित हैं या नहीं और नकल वैध है या अवैध।
लखनऊ वक्फ टुडे: वक्फ संशोधन विधेयक लाने की केंद्र सरकार की कोशिशों पर विवाद अभी थमा भी नहीं था कि वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण को लेकर यूपी सरकार के आदेश पर बहस शुरू हो गई। उत्तर प्रदेश राजस्व आयुक्त एवं सचिव ने भी जिलाधिकारी को आदेश जारी कर वक्फ संपत्तियों का ब्योरा मांगा है। मांगी गई जानकारी में कस्बों और गांवों में कितनी वक्फ संपत्तियां नोटीइफाइड हैं। साथ ही, कितनी जमीनें ऐसी संपत्तियां हैं जो वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं लेकिन वक्फ संपत्तियों के रूप में अधिसूचित नहीं हैं। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों से प्रमाणपत्र प्राप्त करने का आदेश दिया गया है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाये कि संबंधित संपत्ति सक्षम न्यायालय के आदेश पर वक्फ के नाम पर दर्ज की गयी है या नहीं.
उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग के आयुक्त की ओर से यह आदेश पिछले दिनों जारी किया गया है। औरैया पीलीभीत, गाजियाबाद, अलीगढ, हमीरपुर, बसती , बलिया, फतेहपुर, महाराजगंज, श्रावस्ती, कानपुर नगर, फिरोजाबाद, शाहजहाँपुर, मथुरा, सोनभद्र।
वक्फ संपत्तियों का ब्योरा मांगा गया है
इसे भदोही , संत कबीर नगर, कुशी नगर, मुजफ्फर नगर, जालौन, अयोध्या और बस्ती को छोड़कर बाकी सभी जिलों में भेज दिया गया है। आदेश 11 दिसंबर 2023 के उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में दायर रिट याचिका (बी 2023/983) तस्लीम हसन खान बनाम यूपी राजस्व बोर्ड और अन्य को संदर्भित करता है। एक जांच समिति का गठन किया गया था 27 दिसंबर 2023 को. समिति की बैठक 14 अगस्त 2024 को हुई। बैठक के दौरान जांच समिति के अध्यक्ष के रूप में जीएस नवीन कुमार (सचिव, राजस्व विभाग उत्तर प्रदेश) और निदेशक यूपी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, अतिरिक्त सर्वेक्षण आयुक्त मुस्लिम वक्फ, उत्तर प्रदेश भीष्म लाल दुरमा (उप भूमि प्रबंधन आयुक्त, राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश), रीतु पुनिया (अपर जिला मजिस्ट्रेट, पिलीफ़िट) और घनश्याम चतुर्वेदी (उप स.) राजस्व विभाग, उत्तर प्रदेश) ने प्रतिभाग किया।
उक्त बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार प्रदेश के सभी जनपदों के अपर जिलाधिकारी नगर पंचायत, नगर पलिया का नगर तुम एवं अन्य स्थानीय निकायों के अधिकारियों के साथ अपने क्षेत्र की वक्फ सम्पत्तियों का विवरण एकत्र करेंगे। जिले. इसके साथ ही बैठक में यह भी बताया गया कि गोंडा जिले को विभाजित कर बलरामपुर जिले का गठन किया गया है. अतः जनपद बलरामपुर की वक्फ सम्पत्तियों का पृथक अभिलेख वर्तमान में उपलब्ध नहीं है।