
वकफ टुडे वाराणसी। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने यूपी कॉलेज परिसर पर अपना दावा छोड़ दिया है। यह कहना है प्राचार्य डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह का। इसी सिलसिले में प्राचार्य ने बुधवार को पत्र भी जारी किया। प्राचार्य ने कहा कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव ने सब कुछ साफ कर दिया है।
बता दिया है कि बोर्ड की तरफ से 18 जनवरी 2021 को जारी नोटिस निरस्त किया जा चुका है। अब विवाद का कोई मतलब नहीं है। परीक्षा के साथ पठन-पाठन का काम ठीक से चलना चाहिए। सामान्य दिन हो या पर्व, किसी भी दिन साउंड लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। झालर
लगाना या किसी तरह के अन्य आयोजन पर भी प्रतिबंध होगा। कैंपस पढ़ाई के लिए है।
दूसरी तरफ, यूपी कॉलेज परिसर की मजार पर नमाज और विवाद के बीच बुधवार को पुलिस, प्रशासन की सख्ती बरकरार रही। पुलिस आयुक्त
मोहित अग्रवाल भी टीम के साथ यूपी कॉलेज
पहुंचे और सुरक्षा की जानकारी ली। पुलिस आयुक्त ने कहा कि कॉलेज परिसर में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। फोटोयुक्त पहचान पत्र दिखाकर ही छात्र-छात्रा, शिक्षक व कर्मचारी कॉलेज परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। इसके लिए परिसर के बाहरी और आंतरिक हिस्से में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। दो छात्रावासों में पीएसी के जवान रोके गए हैं।अर्दली बाजार, गिलट बाजार और शिवपुर पुलिस सतर्क है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि बाहरी लोगों को रोकने के लिए बोर्ड लगवाए गए हैं। परीक्षा का समय है। इसमें किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न नहीं होने दिया जाएगा।
मस्जिद या मजार के नाम पर खतौनी में भी संपत्ति नहीं
प्राचार्य ने कहा कि यूपी कॉलेज में वक्फ बोर्ड की कोई संपत्ति नहीं है। मस्जिद या मजार के नाम पर खतौनी में कुछ नहीं है। छात्रों का आंदोलन चल रहा था। यूनिवर्सिटी की मान्यता पाने के लिए कोई दिक्कत नहीं आएगी। भोजूबीर के बाहर से आकर नमाज पढ़ने वालों को कैंपस में आने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। कॉलेज परिसर में रहने वाले जो कई साल से नमाज पढ़ रहे हैं, उन्हीं को यहां आने दिया जाए। यदि कम संख्या में आएंगे तो छात्रों को भी आपत्ति नहीं होगी। शांति व्यवस्था बनी रहेगी। आधार कार्ड देखने के बाद ही नमाजियों को परिसर में प्रवेश दिया जाना चाहिए।