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देशभर के प्राइवेट हज टूर ऑपरेटर्स की मांग, पीएम मोदी कराएं निजी हज यात्रियों का कोटा बहाल

सऊदी सरकार के फैसले से मंडरा रहा है 52,000 निजी हज यात्रियों की यात्रा पर ख़तरा निजी हज यात्रियों का कोटा 52,507 से घटाकर किया 10,000

नई दिल्ली, 16.04.2025

सऊदी अरब सरकार ने 2025 के लिए भारत के तय निजी हज आयोजकों के कोटे में अचानक कटौती करने से करीब 52 हज़ार से ज़्यादा हज यात्रियों की यात्रा पर ख़तरा मंडरा रहा है। भारत सरकार कह रही है कि वो ₹10000 निजी हो जाए लेकिन सऊदी अरब सरकार की तरफ से इस पर भी अभी तस्वीर साफ नहीं है। इससे संकटपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। विभिन्न राज्यों के लगभग दर्जन भर निजी हज टूर ऑपरेटर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में सऊदी सरकार से बात करके निजी कोट के सभी 52507 लोगों की हज यात्रा सुनिश्चित कराने की मांग की।

दिल्ली में प्रेस क्लब में आयोजित साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर केरल, गुजरात, कर्नाटक, और तमिलनाडु समेत गूगल राज्यों के 11 निजी आज ऑपरेटर के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री से यह मांग की। इन प्रतिनिधियों ने निजी ऑपरेटर्स को आवंटित 52507 हज यात्रियों कोटे के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू के प्रयासों की सराहना की। साथ ही कहा कि सऊदी अरब सरकार के फैसले वाले

अप्रत्याशित घटनाक्रम ने हजारों भारतीय हज यात्रियों के लिए गंभीर परेशानी और अनिश्चितता पैदा कर दी है। ये सभी पहले ही हज से संबंधित सभी मद का भुगतान कर चुके हैं। ये सभी अपनी पवित्र यात्रा की तैयारी शुरू कर रहे थे कि सऊदी अरब के अचानक आए इस फ़ैसले से इनके अरमानों पर पानी फिर गया है। इनकी हज यात्रा नहीं हो पाई तो इनका 1500 करोड़ रूपया डूब जाएगा।

ग़ौरतलब है कि भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय समझौते के अनुसार, 2025 के लिए भारत को आवंटित कुल हज कोटा 1,75,025 हज यात्रियों का है। इनमें से 70% यानि 1,22,517 हज यात्री भारतीय हज कमेटी को मिला है और बाक़ी

30% यानि 52,507 हज यात्रियों का कोटा निजी टूर ऑपरेटर्स के समूह (एचजीओ) को दिया गया है। अचानक सऊदी सरकार ने इसे हटाकर सिर्फ 10,000 कर दिया है। इससे बाक़ी के 42,000 हज यात्रियों की की हज यात्रा पर ख़तरा मंडराने लगा है।

दरअसल इस साल सऊदी सरकार ने पहली बार ‘नुसुक’ प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ी एक चरणबद्ध भुगतान प्रणाली शुरू की थी। इसके लिए इन चरणों को समय पर पूरा करना आवश्यक था

1. मीना (टेंट सिटी) और अराफ़ात मैदान में ज़ोन का चयन

2. मीना, अराफ़ात, टेंट शहरों में सेवाओं के लिए सेवा प्रदाता (मकतब) को भुगतान

3. मक्का और मदीना में आवास, परिवहन और अन्य सेवाओं के लिए भुगतान।

4. हज वीज़ा और बीमा जारी करना

एचजीओ के लिए ‘नुसुक’ वॉलेट के सक्रियण में देरी के कारण, एचसीओआई ने हस्तक्षेप किया और जनवरी 2025 के दौरान एचजीओ की ओर से ज़ोन चयन भुगतान किया, इस सुविधा के लिए प्रति तीर्थयात्री ₹1,000 का शुल्क लिया, प्रत्येक हज तीर्थयात्रियों पर अग्रिम भुगतान की सुविधा जो निर्धारित समय के भीतर भुगतान की जाती है। हालाँकि, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के हज सेल द्वारा 6 मार्च 2025 को जारी एक परिपत्र में पहली बार कहा गया था कि सेवा प्रदाता को भुगतान की समय सीमा 14 फरवरी 2025 थी। यह अधिकारियों से स्पष्ट नहीं था कि क्या ये समय सीमा सभी के लिए थी। उनके लिए भी जो सीएचजीओ (संयुक्त हज समूह आयोजक) अनसुलझे वॉलेट सक्रियण, तकनीकी मुद्दों या अन्य कारणों से पहले ही चूक गए हैं।

मंत्रालय के 2 जनवरी 2025 के परिपत्र के अनुसार, 7 फरवरी को कुछ सीएचजीओ ने एचसीओआई चैनल के माध्यम से (एचसीओआई) के ज़ोन चयन भुगतानों के साथ लाखों सऊदी रियाल भेजे थे। हालांकि, आवश्यक सेवाओं के लिए अतिरिक्त धनराशि अज्ञात कारण से ‘नुसुक’ वॉलेट में जमा नहीं की गई थी। यह संबंधित अधिकारियों/विभाग की चूक है जो सेवा प्रदाता, (आवास और परिवहन) के लिए बाद के भुगतानों को रोकने की स्थिति पैदा करती है। जिसे हज समिति/जेद्दाह में भारतीय वाणिज्य दूतावास के माध्यम से सऊदी अधिकारियों को हस्तांतरित किया जाना था।

मंत्रालय के 6 मार्च 2025 के नोटिस के अनुसार, ये सभी भुगतान वास्तव में एचसीओआई के माध्यम से किए गए थे और समय पर ‘नुसुक’ वॉलेट में जमा किए गए थे। हालांकि, मंत्रालय के साथ बार-बार अनुवर्ती कार्रवाई के बावजूद नुसुक पोर्टल को आगे की प्रक्रिया के लिए फिर से नहीं खोला गया – पोर्टल ने एचजीओ को भवन / परिवहन समझौते आदि की अनिवार्य प्रक्रियाओं को पूरा करने से वंचित कर दिया। प्रशासनिक अधिकारियों और तकनीकी विफलताओं की इस श्रृंखला ने निजी हज कोटे में भारी और अन्यायपूर्ण कार्रवाई/कटौती की ओर अग्रसर किया है, जिससे हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं, बावजूद इसके कि हमारी सरकार ने 1.75 लाख से अधिक सीटें सुरक्षित की हैं और सभी तीर्थयात्री आध्यात्मिक और वित्तीय रूप से हज 2025 के लिए तैयार हैं।

लीची टूर ऑपरेटर्स ने साझा बयान जारी करके कहा है, ‘हम भारत के माननीय प्रधान मंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और सऊदी अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाने की पूरी अपील करते हैं। प्रधानमंत्री सऊदी अरब सरकार से बात करके 52,507 का पूर्ण निजी कोटा बहाल कराकर प्रभावित तीर्थयात्रियों के लिए न्याय सुनिश्चित करें। साथ ही भारत की हज प्रबंधन प्रणाली की विश्वसनीयता को संरक्षित करें। और दो महान और जिम्मेदार देशों के बीच द्विपक्षीय समझौता करना है। हजारों भारतीय हज यात्रियों की आध्यात्मिक आकांक्षाएं इस संकट के निष्पक्ष और समय पर समाधान पर निर्भर करती हैं।’

 

प्रधानमंत्री से मांग करने वाले डिजिटल ऑपरेटर्स संगठन निम्नलिखित हैं।

 

1. ऑल इंडिया हज एंड उमराह टूर ऑर्गनाइजर्स एसोसिएशन मुंबई (AIHUTOA)

2. ऑल इंडिया हज उमराह टूर ऑर्गनाइजर्स एसोसिएशन ® दिल्ली

3. कर्नाटक स्टेट हज ऑर्गनाइजर्स एसोसिएशन (KSHOA)

4. गुजरात स्टेट हज जियारत टूर ऑर्गनाइजर्स एसोसिएशन (GSHZTOA)

5. हैदराबाद सोसाइटी फॉर हज प्लीग्रिम्स

6. द फेडरेशन ऑफ हज PTO’s इन इंडिया

7. तमिलनाडु हज ऑर्गनाइजर्स एसोसिएशन (THOA)

8. इंडियन हज ग्रुप एसोसिएशन कालीकट, केरल (IHUGA)

9. जम्मू कश्मीर एसोसिएशन ऑफ हज एंड उमराह कंपनीज (JKAHUC)

10. कोलकाता हज ग्रुप ऑर्गनाइजर्स एसोसिएशन (KHGOA)

11. उत्तर प्रदेश हज उमराह ऑर्गनाइजर्स एसोसिएशन

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