
वक्फ टुडे : लखनऊ
दरगाह , मौजमियां दरगाह जनहटा, तहसील चंदौसी, जिला संभल, उप जिलाधिकारी नीतू रानी द्वारा बगैर नोटिस के दरगाह परिसर को सील कर दिया गया।
सैयद शाहिद सज्जादेनसीन का कहना है कि 300 वर्ष पुरानी दरगाह, मस्जिद, मुसाफिरखाना कब्रिस्तान एवं मकबरा का रकबा 5 बीघा में फैला हुआ है। यह वक्फ बोर्ड के अभिलेखों में भी इंद्राज है। वक्फ संख्या 5570 और मुतवली सैयद शाहिद है।
गौरतलब है कि शिकायतकर्ता मोहम्मद जावेद जिसका इसी खानदान या कबीले से ताल्लुक होना बताया जाता है।
इस दरगाह का मुतवली के दावेदारों के क्रम में उसने जिला प्रशासन से शिकायत किया और अल्पसंख्यक अधिकारी के टीम ने मौके का परीक्षण किया।
मौके पर किसी तरह की कोई कमी नहीं पाई गई तो आज उप जिलाधिकारी द्वारा वहां पर फ्री कैंप के जरिए जायरीन को दुआ व दवा भी दिया जाता है । लोकल प्रशासन का यह कहना है कि यह दवाखाना अनाधिकृत चल रहा है। इसलिए दरगाह परिसर के उस हिस्से को सील किया जाता है।
सैयद शाहिद का कहना है कि पूर्व में हाई कोर्ट द्वारा 1943 में इस पूरे विवादित परिसर का निस्तारित किया गया था। जिसके वादी शांति स्वरूप और गौस मोहम्मद के बीच में एक हाई कोर्ट के निर्देश पर शांति स्वरूप को बाग और गौस मोहम्मद को मस्जिद, दरगाह, कब्रिस्तान और मुसाफिरखाना हैंडओवर किया गया।
शांति स्वरूप द्वारा कुछ वर्षों के बाद बाग के जमीन को गौस मोहम्मद को रजिस्ट्री कर दी। अब पूरा परिसर वक्फ है।सूत्रों के मुताबिक मोहम्मद जावेद मुतवली के दावेदारी के वजह से स्थानीय मंत्री का संरक्षण प्राप्त है। इसलिए प्रशासनकी सक्रीयता और त्वरित कार्रवाई को लेकर लोकल आवाम में रंजो गुस्सा है।