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उम्मीद पोर्टल पे रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी वक्फ बोर्ड और राज्य सरकारों की मुतवली की नहीं : जावेद अहमद

ब्यूरो रिपोर्ट

वक्फ टुडे : एडिटर

*क्यों नहीं चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ का बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड ने राज्य सरकार से उम्मीद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए खुद को ऑथराइज्ड कराया गया*: मुफ्ती गफ्फार, गाजियाबाद

अगर वक्फ बोर्ड खुद को ऑथराइज कर लेता और ऑपरेटर की मदद से रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियों को अपलोड करना आसान हो जाता: शाहिद अनवर, एडवोकेट सुप्रीमकोर्ट

“उत्तर प्रदेश सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड को उड़ीसा, त्रिपुरा एवं दिल्ली राज्यों के मॉडल को अपनाना चाहिए जिससे कि वक्फ संपत्तियां को सुरक्षित और सही डाटा उम्मीद पोर्टल पर रजिस्टर्ड कराया जा सके : शाहिद सिद्दीकी , फोरम

अवकाफ की रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी वक्फ बोर्ड या राज्य सरकार की है ना कि मुतवली: एजाज अहमद, हाई कोर्ट इलाहाबाद

लखनऊ: अल्प अल्पसंख्यक मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उम्मीद पोर्टल पर वकफ संपत्तियों का डिटेल रजिस्ट्रेशन करने के लिए अमेंडमेंट एक्ट 2025 के तहत शुरू कराया गया है।
उम्मीद पोर्टल 6 जून 2025 को लॉन्च किया गया कानून के मुताबिक धारा 3B (1 ) के अंतर्गत सभी वक्त संपत्तियों को 6 माह के अंदर एक्जिस्टिंग वक्फ प्रॉपर्टी को रजिस्ट्रेशन करना होगा।

उम्मीद पोर्टल के होम पेज पर यह इबारत लिखी हुई है”

“उपर्युक्त पोर्टल डेटा की अखंडता सुनिश्चित करने और अनधिकृत प्रविष्टियों को रोकने के लिए निर्माता, परीक्षक और अनुमोदन तंत्र का पालन करता है। निर्माता मुतवल्ली या राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा अधिकृत कोई व्यक्ति होगा। परीक्षक जिला स्तरीय अधिकारी या राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा अधिकृत कोई अन्य अधिकारी होगा और अनुमोदनकर्ता मुख्य कार्यकारी अधिकारी या राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा अधिकृत कोई अन्य अधिकारी होगा”

दिल्ली वक्फ बोर्ड जैसे कई राज्यों ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए राज्य सरकारों से अनुमोदन हासिल कर मुतवली के लिए खुद कर ऑथराइज कराया है

जब राज्य सरकार ने वकफ बोर्ड को इस बात का लिए अधिकृत करता है कि “मेकर” की जगह मुतवली या वक्फ बोर्ड ही पोर्टल पर एंट्री करे जिससे डेटा की इंटीग्रिटी और इलीगल एंट्री को रोका जा सके अगर वकफ बोर्ड खुद से एंट्री यानी ऑपरेटर से रजिस्ट्रेशन काराए तो मुतवलियों की परेशानियां और माफिया सिंडिकेट से भी बचा जा सकता है। क्योंकि वक्फ के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ के लिए मुतवली और वकफ बोर्ड के साथ साठ गांठ से मुमकिन होता है।

*उक्त प्रक्रिया से फायदा:*

1. वक्फ प्रॉपर्टी की इंटीग्रिटी और अनाधिकृत पंजीकरण से बचा जा सकता है।
2. उत्तर प्रदेश दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं अन्य राज्यों में तकरीबन 40% मुतलियों से संबंधित अपडेटेड रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। गौरतलब है कि बहुत सारी वक्फ संपत्तियों का मुतवली खुद वकफ बोर्ड भी होता है। इस तरह से उन संपत्तियों का “उम्मीद पोर्टल” पर रजिस्ट्रेशन वकफ बोर्ड भी खुद करना होगा, ऐसे वक्फ संपत्तियां जिनके मुतवली नहीं है उनकी रजिस्ट्रेशन के लिए “दिल्ली या अन्य राज्य” जो राज्य सरकार से उम्मीद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकृत कराया है। उनका सही कदम है और इस तरह से जिम्मेदारियां क बोर्ड और राज्य सरकार की सुनिश्चित होती है।

*इन लोगों से एहतियात बरता जाए*

सोशल मीडिया में तथा कथित मुस्लिम लीडर एवं मुफ्ती जो लोग मौजूद वकफ बोर्ड के अध्यक्षों, मेंबरान और अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर के वक्फ हित में बात करना चाहिए ना की मुतवली यह और अवाम में कोलाहल पैदा करना चाहिए।
कुछ लोग शोहरत के लिए वक्फ और मुसलमान का नुकसान कर रहे हैं लिहाजा अभी भी वक्त है कि आप अपने रसूख और राजनीतिक हैसियत का इस्तेमाल करके अपने सुबे में राज्य सरकारों से वक्फ बोर्ड को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकृत कराऐ।

*वक्फ बचाने के लिऐ दिल्ली, त्रिपुरा और उडिशा माडल अपनाएं*

*अधिक जानकारी के लिए :*
umeedportal@gmail.com

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