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दिल्ली, बिहार और कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने अपनी सारी वक्फ जायदा को केंद्रीय पोर्टल पर दर्ज कराई:

पंजाब वकफ बोर्ड को "वक्फ ट्रिब्यूनल" पंजाब ने 6 माह के मोहलत के आदेश जारी किए।

अव्वल रहे दिल्ली, बिहार और कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने अपनी सारी वक्फ जायदा को केंद्रीय पोर्टल पर दर्ज कराके।

देश में कुल संपत्तिया 8 लाख 74 हजार है , जिसमें 2 लाख 16 हजार 9 सौ 37 ही केंद्रीय पोर्टल पर दर्ज हो सकी।

उत्तर प्रदेश में 62 818 संपत्तियों मतवालियों द्वारा पोर्टल पर दर्ज कराया जा सका।

दिल्ली : उम्मीद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 6 दिसंबर तक कल व संपत्तियों का इंद्राज 216937 हो सका। केंद्र सरकार ने स्पष्ट तौर पर रजिस्ट्रेशन के तारीख को बढ़ाने से इनकार कर दिया अब हर राज्य के वक्फ बोर्ड या मुतवलियां को वक्फ ट्रिब्यूनल के जरिए वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए परमिशन की जरूरत होगी
जिसकी मियाद 6 माह तक हो सकती है। पंजाब वक्फ ट्रिब्यूनल पंजाबी वकफ बोर्ड को 6 माह की मोहलत के आदेश जारी किया है।

उत्तर प्रदेश वक्फ वक्फ बोर्ड और महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के साथ-साथ मुतवलियां ने ट्रिब्यूनल में वाद दर्ज कराया है। जिसकी सुनवाई आज होने की इमकानात है।

तेलंगाना ,वेस्ट बेंगल , मध्य प्रदेश और केरल, तमिलनाडु और उत्तराखंड जैसे राज्य को भी वक्फ ट्रिब्यूनल मे वाद दाखिल करने की जरूरत होगी।

सबसे बड़ा सुबा उत्तर प्रदेश में वकफ संपत्तियों की तादाद ज्यादा होने के साथ-साथ यह अहम भी है।
कुल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की तादाद 50% तक ही पहुंच पाई है।

वहीं सीतापुर, बरेली, रामपुर, बुलंदशहर ,जौनपुर , बलिया बाराबंकी, अमरोहा ,मऊ , गाजीपुर , आजमगढ़, फतेहपुर खीरी, मुरादाबाद,मुजफ्फरनगर सहारनपुर, बहराइच ने मैक्सिमम संपत्तियों का इंद्राज कराया।  यू पी वक्फ बोर्ड सहित अन्य वक्फ बोर्ड  के पास स्टाफ और रिसोर्सेज की भारी कमी होने के वजह से वक्त के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका।

बिहार, दिल्ली और कर्नाटक बेहतर तरीके कर अपनाते हुए अपने वक्त संपत्तियों को टारगेट समय में पूरा कर लिया यह एक मॉडल के तौर पर देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि मेकर (मुतवली) द्वारा दर्ज वक्फ संपत्तियों की तादाद और वकफ बोर्ड के द्वारा अप्रूव्ड वक्फ संपत्तियां ही उम्मीद पोर्टल पर वैलिड मनी जाएंगे ।उम्मीद पोर्टल पर वैलिड वक्फ संपत्तियों की तादाद 2,16,937 ही दर्ज हो सकी है, जबकि कुल वकफ संपत्तियों की तादाद 874000 से ज्यादा है।

वकफ वेलफेयर फोरम की राज्यों की इकाइयों के जिम्मेदारों ने अहम भूमिका निभाई है । जिसमें फोरम की केंद्रीय इकाई दिल्ली और उत्तर प्रदेश की इकाई ने अहम भूमिका निभाई है ।

केंद्रीय इकाई के नेतृत्व पूर्व मुख्य जस्टिस पटना हाई कोर्ट , जनाब इकबाल अंसारी साहेब और पूर्व जस्टिस जनाव जकीउल्लाह खान साहब और राज्य इकाई के नेतृत्व डॉक्टर अनीस अंसारी और तारिक सिद्दीकी ने भी निभाई है।

फोरम फोरम के द्वारा गठित टास्क फोर्स के कन्वीनर के अध्यक्षता में केंद्र सरकार के सचिव , वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों से मुलाकात कर सलाहकार भूमिका अदा की गई साथ ही साथ लखनऊ और दिल्ली स्थित स्थापित कमांड सेंटर से रजिस्ट्रेशन से संबंधित दस्तावेज दफा 37 और जिले स्तर पर बनी हेल्पलाइन सेंटर , जिसमें अलीगढ़, गोंडा, बरेली ,बुलंदशहर,मऊ, बलिया और गौतमबुद्ध नगर लगभग 40 जनपदों को मदद करने की कोशिश की गई।

दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक ने 7 अक्टूबर को उम्मीद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की इजाजत दिया , 4 महीने बीत जाने के बाद दिल्ली वक्फ बोर्ड के सामने बड़ी चुनौती थी। फोरम ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी जनाब  अजीमउल हक को हर मुकीम मदद के लिए प्रस्ताव रखा और बोर्ड ने स्वीकार करते हुए फोरम के स्टाफ के साथ मिल कर काम को  अंजाम दिया। बोर्ड ने खुद मेकर्स की भूमिका में 10 अक्टूबर 2025 से रजिस्ट्रेशन शुरू कर 30 नवम्बर 2025 तक टारगेट पूरा कर लिया गया ।

वक्फ वेलफेयर फोरम के जानिब से वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालिका अधिकारियों की कोशिश की सराहना की जाती है और फोरम की हर मुमकिन कोशिश मुस्तकबिल में जारी रखी जाएगी इंशा अल्लाह ।

जनाब जावेद अहमद ,अध्यक्ष  वक्फ वेलफेयर फोरम और सचिव जनाब एम एन ए चौधरी साहब के जानिब से फोरम के सभी सदस्यों और इस कारेखैर  में जुड़े वकफ बोर्ड के ऑफिशियल स्टाफ और मुतवलियां का  शुक्रिया अदा करते हैं।

अब्दुल गफ्फार, वकफ टुडे, रिपोर्टर -दिल्ली

फाइल फोटो:

 

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