अल्पसंख्यक मंत्रालय भारत सरकार उम्मीद पोर्टल के संबंध में सलाहकार की रिपोर्ट जारी किया।
20 वकफ बोर्ड और दो यूनियन टेरिटरी की सर्वे रिपोर्ट मे अलग-अलग पैरामीटर पर बोर्ड की रैंकिंग भी जारी किया।
वक्फ टुडे : जावेद अहमद, संपादक
दिल्ली : केंद्र सरकार उम्मीद पोर्टल के कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए एक स्टडी के जरिए वक्फ बोर्ड्स की कारगुज़ारी पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी किया है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं, मंत्रालय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई आई टी) दिल्ली को एक सत्यापन अध्ययन करने के लिए नियुक्त किया था, जिसका उद्देश्य औकाफ के डिजिटल प्रबंधन के लिए मौजूदा प्रणाली में अंतराल की पहचान करना और वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के प्रावधानों के अनुरूप एक मजबूत, एकीकृत और उपयोगकर्ता के अनुकूल केंद्रीय पोर्टल के विकास का समर्थन करना था।
2. सत्यापन अध्ययन में पाँच मुख्य स्तंभों, अर्थात् संस्थागत शासन, वक्फ संपत्ति और आँकड़े, कानूनी और विवाद समाधान, वित्तीय निरीक्षण और संसाधन प्रबंधन, और सर्वेक्षण एवं विकास, के तहत राज्य वक्फ बोर्डों के कामकाज का गहन मूल्यांकन शामिल है।
यह अध्ययन कुल 32 वक्फ बोर्ड्स में से 20 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की 2,100 से अधिक वक्फ संपत्तियों के व्यापक क्षेत्र अध्ययन के साथ समाप्त हुआ, जिसमें सभी 22 राज्य वक्फ बोर्डों को शामिल किया गया, जिसमें शासन प्रणालियों, कानूनी ढाँचों, वित्तीय प्रथाओं और सर्वेक्षण प्रक्रियाओं का गहन मूल्यांकन किया गया। जैसे ही किसी विशेष राज्य/केंद्र शासित प्रदेश का अध्ययन पूरा हुआ, मैंने आईआईटी दिल्ली के प्रमुख निष्कर्षों और सिफारिशों का सारांश सभी संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अवलोकन और आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया।
3. अब, आईआईटी दिल्ली ने उपरोक्त 5 स्तंभों में प्रदर्शन के आधार पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की एक समेकित रैंकिंग प्रदान की है। आईआईटी दिल्ली द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन रैंकिंग विश्लेषण की एक प्रति, जिसमें 5 स्तंभों में उनके प्रदर्शन के आधार पर विस्तृत कार्यप्रणाली भी शामिल है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का निष्कर्ष और समेकित रैंकिंग भी जारी किया है। इसके अलावा, आईआईटी दिल्ली से प्राप्त राज्य को इस रिपोर्ट को साझा किया जा रहा है।
4. सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध है कि वे संस्थागत क्षमता, डेटा डिजिटलीकरण, कानूनी अनुपालन, वित्तीय नियोजन और सर्वेक्षण-आधारित विकास में अल्पकालिक और दीर्घकालिक सुधारों पर केंद्रित आईआईटी दिल्ली की सिफारिशों को लागू करने के लिए आवश्यक कार्रवाई में तेजी लाएँ। इसके अतिरिक्त, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों के साथ ज्ञान-साझाकरण रणनीतियों को अपनाने और उन्हें अपने मॉडलों में शामिल करने पर भी विचार कर सकते हैं।
5. ये सुधार देश में वक्फ प्रशासन के लिए डेटा अखंडता और अभिलेखों के निर्बाध एकीकरण को सुनिश्चित करने हेतु एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म “उम्मीद सेंट्रल पोर्टल-2025″ के माध्यम से लगातार डेटा और संपत्ति प्रबंधन संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु महत्वपूर्ण हैं। ये रणनीतिक स्तंभ मिलकर वक्फ बोर्डों को अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता के साथ अपने वैधानिक दायित्वों को पूरा करने हेतु सशक्त बनाने हेतु एक व्यावहारिक ढाँचा प्रदान करते हैं।
6. मंत्रालय द्वारा दी गई आईआईटी दिल्ली की सिफारिशों पर राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा करने के लिए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों और राज्य वक्फ बोर्डों के प्रतिनिधियों के साथ कल एक समीक्षा बैठक भी आयोजित की जाएगी।
7. सचिव , अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा जारी अपील कि ” इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पहल में आपके निरंतर सहयोग की आशा करता हूँ यदि आपके पास कोई सुझाव, स्पष्टीकरण हो या कार्यान्वयन में सहायता की आवश्यकता हो, तो कृपया इस मंत्रालय से बेझिझक संपर्क करें।
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट एडवोकेट शाहिद अनवर का कहना है कि केंद्र सरकार का प्रयास तभी सार्थक हो सकता है जब न्यायालय की फैसला आ जाए । जिससे पोर्टल के बारे में भ्रांतियां काम की जा सकती है बगैर जनता के सहयोग प्राप्त कोई भी पहल कामयाब नहीं हो सकता ।
फोरम के अध्यक्ष, जावेद अहमद अपनी टिपण्णी देते हुए कहा कि तकनीकी आधार पर पोर्टल फंक्शनल नहीं है , अभी सुधार की जरूरत है।
एक माह से ज्यादा समय बीत गया लेकिन लगभग 110 प्रॉपर्टी पोर्टल पे अपलोड हो सकी है।
इस प्रक्रिया में क्या स्टेक होल्डर्स को इस व्यस्था की हिस्सा बनाया गया है, अगर मिल्ली तंजीम सरकार से संपर्क करे तो इसे और सुगम एवं बेहतर बनाया जा सकता है।



