मदरसों में हुई 300 से ज़्यादा नियुक्तियाँ ग़ैरक़ानूनी क़रार
अतर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान की गई नियुक्तियों में कई नियुक्तियाँ रद्द करने की भी सिफारिश की
लखनऊ : अतरप्रदेश की योगी सरकार ने मदरसों में हुई 300 से ज़्यादा नियुक्तियों को ग़ैरक़ानूनी क़रार देते हुए बड़ी कार्यवाही शुरू की है। इन नियुक्तियों को लॉकडाउन के दौरान अंजाम दिया गया, जिनमें बड़ी संख्या में अनियमितताएँ पाई गई हैं।
मिल रही जानकारी के अनुसार, राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड ने लॉकडाउन के दौरान हुई 308 मदरसों में नियुक्तियों को लेकर जाँच करवाई थी। इस जाँच में पाया गया कि 300 से ज़्यादा नियुक्तियाँ नियमों के विरुद्ध थीं।
इन नियुक्तियों में बहुत से मदरसों ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन जारी नहीं किया और न ही चयन प्रक्रिया अपनाई गई। यहाँ तक कि कई नियुक्तियाँ केवल सिफारिशों के आधार पर की गईं। रिपोर्ट के अनुसार, 180 नियुक्तियाँ बिना किसी परीक्षा या इंटरव्यू के की गईं।
कई जगहों पर एक ही परिवार के कई लोग, जैसे पिता, बेटा, दामाद, भाई आदि को एक ही मदरसे में नियुक्त कर दिया गया। यही नहीं, कई नियुक्तियों में वेतन तय करने की प्रक्रिया भी पारदर्शी नहीं रही।राज्य सरकार ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही का आदेश दिया है। जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है और कई जगहों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
जाँच रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि बहुत से मदरसों में शिक्षकों की योग्यता संदिग्ध पाई गई है। कुछ लोगों की डिग्रियाँ जाली पाई गईं हैं। कुछ जगहों पर ऐसे लोगों को शिक्षक नियुक्त किया गया जिनकी शैक्षिक योग्यता हाई स्कूल से भी कम है।
राज्य सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि जिन नियुक्तियों में अनियमितताएँ पाई गई हैं, वहाँ की रिपोर्ट जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सीधे सरकार को भेजें। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में बिना अनुमति कोई नियुक्ति न हो।
राज्य मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इकबाल अंसारी ने कहा है कि नियमों के विरुद्ध की गई नियुक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन मदरसों में नियुक्तियों में पारदर्शिता नहीं बरती गई, उन पर कार्रवाई होगी।उधर, बीएसए और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है। कई जिलों से रिपोर्ट्स सरकार को मिलनी शुरू हो गई हैं और कार्यवाही का सिलसिला तेज़ हो गया है।




