कश्मीर में सिपाही को कस्टडी में रख कर यातनाएं दी गईं ।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पीड़ित को 50 लाख मुआवज़ा देने को कहा

दिल्ली : जम्मू–कश्मीर..कांस्टेबल खुर्शीद अहमद को 2023 में नोरकोटिक्स के एक मामले में पूछताछ के बहाने 6 दिन तक कस्टडी में रखकर यातनाएं दी गईं ।प्राइवेट पार्ट में मिर्ची पाउडर डाला गया । करंट के झटके दिए गए। हालत बिगड़ी तो अस्प्ताल में भर्ती कराया गया ।ये कह कर आत्महत्या के प्रयास का फ़र्ज़ी केस बनाया गया के खुर्शीद ने ब्लेड से अपना प्राइवेट पार्ट काट कर आत्महत्या की कोशिश की ।मामला हाईकोर्ट गया ।न्याय नहीं मिला तो सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया गया । सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने जांच CBI को सौंपी तो इस मामले में DSP एजाज अहमद नाइक सहित 8 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है।21 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के फैसले को “मौलिक अधिकारों की रक्षा में घोर चूक” करार देते हुए फटकार लगाई । खुर्शीद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को आदेश दिया कि खुर्शीद को उनके मौलिक अधिकारों के उल्लंघन और अमानवीय व्यवहार की क्षतिपूर्ति के लिए 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।



