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दिल्ली धार्मिक समिति की बैठक में कई धार्मिक स्थलों को तोड़ने पर विचार किया गया

नई दिल्ली (वक्फ टुडे) दिल्ली सचिवालय में प्रमुख सचिव (गृह) की अध्यक्षता में एक धार्मिक समिति की बैठक हुई, जिसमें कुछ अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने पर चर्चा की गई। बैठक में पुलिस अधिकारियों, दिल्ली वक्फ बोर्ड समेत संबंधित विभागों को भी अपना रिकॉर्ड लाने को कहा गया. बैठक के एजेंडे के अनुसार, तिलक बुर्ज के पास स्थित दो मस्जिदों सहित धार्मिक स्थलों को हटाने, ध्वस्त करने या स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है, हालांकि एजेंडे में इन मस्जिदों के नाम का उल्लेख नहीं है, लेकिन वक्फ बोर्ड और प्रबंधन समिति के अनुसार इन मस्जिदों में तकिया बब्बर शाह और बंगाली मार्केट की मस्जिदें हैं, इसके अलावा पुराने वजीराबाद बैराज में धार्मिक स्थल, मंगोलपुरी, जीटी में हनुमान मंदिर, नवादा गांव में दरगाह, मिकंदपुर में दरगाह, रिनहोला गांव में दरगाह, शाहदरा और एम्स आदि इलाके हैं शामिल. बैठक में दिल्ली वक्फ बोर्ड से उक्त धार्मिक स्थलों के संबंध में अपने दस्तावेज जमा करने को कहा गया है. चिंताजनक बात यह है कि एक बार फिर इस संभावित कार्रवाई की जद में तिलक बुर्ज मस्जिद भी आ रही है. इस संबंध में जब दिल्ली वक्फ बोर्ड से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि जिस मस्जिद की पहचान की गई है, हमें पहले उसके स्थान की जांच करनी चाहिए कि क्या यह तकिया हर शाह है।यह एक मस्जिद है. दूसरी ओर प्रबंधन समिति शाह पर निर्भर है.

एजेंडा पढ़ने के बाद जब उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि हां, इसमें केवल तकिया बार शाह मस्जिद का जिक्र है, क्योंकि यहां आसपास कोई अन्य मस्जिद नहीं है. दरअसल, धार्मिक समिति के अध्यक्ष को आज की बैठक की जानकारी नहीं थी कि बैठक में वक्फ बोर्ड को भी बुलाया गया है. जब इस संबंध में बोर्ड से संपर्क किया गया तो बताया गया कि उस समय हमें डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया था बैठक में जहां सभी विभागों को डाटा मुहैया कराया गया, वहीं यह भी कहा गया कि लोकेशन उपलब्ध करायी जा रही है, सही लोकेशन और तस्वीरें हमें दी जाये, ताकि हम उनकी पहचान कर सकें बैठक में उन्होंने कहा कि निगम और पुलिस ने बैठक में अपनी रिपोर्ट पेश की है, लेकिन उन्होंने बोर्ड से कोई टिप्पणी नहीं मांगी. अगर पूछा गया तो हम जरूर देंगे. इसकी एक प्रति हमें भी दी जानी चाहिए. यह पूछा गया कि बोर्डद्वारा दिया जाएगा बोर्ड ने यह भी कहा कि यह संदर्भ कोई भी निर्णय लेने से पहले हमारी टिप्पणियाँ अवश्य ली जानी चाहिए। बोर्ड ने यह भी कहा कि समिति उक्त जमीन को को डी डी’ए के रूप में मान्यता दे रही है, लेकिन यह भी हो सकता है कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की हो. गौरतलब है कि 19 जुलाई 2023 को रेलवे ने दोनों मस्जिदों पर चुपचाप नोटिस चस्पा कर दिया था और पंद्रह दिन के अंदर मस्जिद को गिराने का फरमान जारी कर दिया था, जबकि रेलवे यह भूल गया था कि जिस मस्जिद की जमीन वे अपना बता रहे हैं. दरअसल इन मस्जिदों की जमीन पर रेलवे है और इसके सारे रिकॉर्ड दिल्ली वक्फ बोर्ड में उपलब्ध हैं। कोर्ट में बोर्ड ने कहा था कि ये मस्जिदें 1945 के रिकॉर्ड में हैं. यह जमीन रेलवे की नहीं है. करीब 80 साल बाद रेलवे को दिख रहा है कि अवैध कब्जा है और यह उनकी जमीन है. जबकि रेलवे की जमीन वक्फ बोर्ड की है जो बोर्ड ने उसे दे दी थी। कोर्ट ने 26 जुलाई को इस पर रोक लगा दी. कोर्ट ने रोक को 27 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया। उधर, मस्जिद तकिया बार शाह में मगरिब की नमाज के बाद प्रबंध समिति की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि पहले वक्फ बोर्ड अपना जवाब दाखिल करे, उसके बाद जरूरत पड़ी तो प्रबंध समिति संपर्क करेगी. कोर्ट इसलिए क्योंकि ये ज़मीन हमारी है और इस पर अवैध कब्ज़ा नहीं किया गया है.

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