जेपीसी ने मांगा विवादित वक्फ संपत्तियों का ब्योरा सच्चर समिति के समक्ष वक्फ बोर्डों ने किया था संपत्तियों पर अनधिकृत कब्जे का दावा
वक्फ टुडे : नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर मंथन कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) यह पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि देशभर में वक्फ की कितनी संपत्तियों पर राज्य सरकार या उसके विभिन्न विभागों का अनधिकृत कब्जा है।
इस क्रम में जेपीसी ने विभिन्न राज्य सरकारों से उन वक्फ संपत्तियों की सत्यता और अपडेट जानकारी मुहैया कराने को कहा है कि जिनका मुद्दा वक्फ बोर्डों ने सच्चर समिति के समक्ष उठाया था।
जेपीसी ने राज्यों से उन संपत्तियों का भी विवरण तलब किया है जिस पर वक्फ बोर्डों ने वक्फ अधिनियम की धारा 40 का इस्तेमाल करते हुए दावा जताया है। संसदीय समिति केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के माध्यम से यह जानकारी एकत्र कर रही है।
गौरतलब है कि विभिन्न राज्य वक्फ बोडों ने 2005-06 में सच्चर समिति को बताया था कि उनकी जमीन पर अनधिकृत कब्जा है। वक्फ बोर्डों ने कथित तौर पर दावा किया था कि इन संपत्तियों पर विभिन्न राज्य सरकारों या उनकी आधिकारिक एजेंसियों का कब्जा है। जेपीसी ने अब इन्हीं संपत्तियों का ब्योरा जुटाना चाहती है। जेपीसी ने अपने गठन के बाद से कई राज्यों का दौरा किया और वहां के वक्फ – बोर्डों , विद्धानों और अन्य संबंधित – पक्षों के साथ विचार-विमर्श भी किया। समिति की अबतक आठ बैठकें हो चुकी हैं।
वक्त की देशभर में फैली संपत्तियों पर कब्जा की सूची लंबी है। वापसी पोर्टल के अनुसार 5898 संपत्तियों पर अनधिकृत कब्जा दर्ज है। लेकिन मुख्त:
कब्जे दारो के नाम निम्नलिखित है:
1. 10 एकड़ कब्रिस्तान वक्फ नंबर 1606 कसना ग्रेटर नोएडा, कब्जेदार होंडा सिटी एवं दुर्गा नर्सरी
2. आलमगीर मस्जिद पुणे महाराष्ट्र 43 एकड़ कब्जेदार लोकल बिल्डर।
3. 275 एकड़, जिला बिड, महाराष्ट्र वर्क बोर्ड कब्जेदार समीर कई अध्यक्ष वकफ बोर्ड महाराष्ट्र,।
मुकेश अंबानी,असदुद्दीन ओवैसी, मदनी परिवार एवं सरकारों द्वारा प्रमुख शहरों में फैली हुई वक्फ संपत्तियों पर कब्जा है।
केंद्र सरकार को व्हाइट पेपर पार्लियामेंट में लाना चाहिए और चर्चा के बाद कार्रवाई की अनुशंसा की जानी चाहिए।