असलम परवेज़ “एशियन डिजास्टर प्रिपेयर्डनेस सेंटर ” के कार्यकारी निदेशक के रूप में चुने गये
देश और अलीग बिरादरी को गौरवानिंत किया"। जावेद अहमद

दिल्ली (ई-मेल)
यह न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि हमारे देश भारत के लिए भी गर्व का विषय है। असलम परवेज़ का आपदा प्रबंधन और जोखिम न्यूनीकरण में अद्वितीय अनुभव और न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि हमारे देश भारत के लिए भी गर्व का विषय है। उनका आपदा प्रबंधन और जोखिम न्यूनीकरण में अद्वितीय अनुभव और उनकी दूरदर्शिता न केवल एडीपीसी के उद्देश्यों को नई ऊंचाई पर ले जाएगी, बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगी। थाईलैंड स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठन एशियन डिजास्टर सेंटर (एडीपीसी) के पूर्व घटक असलम परवेज़ को एडीपीसी के कार्यकारी निदेशक के रूप में चुना गया है। उनका आपदा रिस्क प्रबंधन में एडीपीसी के भविष्य के लिए एक गतिशील दृष्टिकोण है और उनके पास इस क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। जो निरंतर विकास और सफलता सुनिश्चित करता है हमारा देश भारत इस संगठन का संस्थापक सदस्य है।
इस जलराशि में भारत के अलावा चीन, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस, श्रीलंका और थाईलैंड भी शामिल हैं। इन देशों ने अंतर सरकारी चार्टर को मंजूरी दे दी है। वक्फ टुडे से बात करते हुए असलम परवेज़ ने एडीपीसी के रणनीतिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में अपनी प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। जो सामुदायिक प्रभाव और कार्यक्रम की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपने बोर्ड के सदस्यों और संस्थापक सदस्य देशों के साथ काम करने और हमारी विरासत को आगे बढ़ाने और भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के अवसर को लेकर बहुत खुश और उत्साहित हूं।” बिहार के किशनगंज जिले में जन्मे और प्रतिष्ठित मुस्लिम विश्वविद्यालय अलीगढ़ से साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री 1993 में हासिल किया।
यह अपॉइंटमेंट वाकई हमारे देश भारत के लिए गर्व की बात है और 2005 से एडीपीसी का एक महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने एशिया और प्रशांत के देशों को और अधिक विनाश से बचाने के लिए एडीपी के उद्देश्यों और विकास में योगदान देने वाली कई पहलों को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया है। इन सभी में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है, उनका ज्ञान, नवीन दृष्टिकोण और सिद्ध नेतृत्व कौशल उन्हें एडीपीसी का नेतृत्व करने के लिए सही उम्मीदवार बनाते हैं। असलम परवेज़ ने 2023 में भारत के जोखिम न्यूनीकरण और न्यूनीकरण समूह (DRRWG) की 20-6 अध्यक्षता की अध्यक्षता की।
बैठकों में एडीपीसी का प्रतिनिधित्व किया गया था और वे भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), बैटल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (एनआईडीएम) और गृह मंत्रालय, भारत सरकार के साथ भी काम कर रहे हैं। उनके पास एशिया, पैनिक, अफ्रीका और यूरोप के 20 से अधिक देशों के अलावा मध्य सोपाकेशियन-सार्क एशिया के लिए आपदा जोखिम प्रबंधन प्रणालियों और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर काम करने का 24 वर्षों से अधिक का अनुभव है। इसमें स्थानीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तरों पर पहलों का कार्यान्वयन, संस्थागत मजबूती, अनुसंधान और मिट्टी की भेद्यता का विश्लेषण शामिल है। उन्होंने भारत से सांख्यिकी में एमए किया है। इसके अलावा, आपदा जोखिम प्रबंधन में अपने प्रशिक्षण के दौरान, वह आपदा जोखिम योजना, जलवायु लचीलापन और डिजिटल लचीलापन पर वैश्विक और क्षेत्रीय पहल में शामिल रहे हैं। 2005 में एडीपीसी में शामिल होने से पहले, उन्होंने भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) और आर्थिक विकास संस्थान (आईईजी) के साथ काम किया।
वक्फ टुडे से असलम परवेज के छात्र जीवन के साथियों ने इस कामयाबी के पीछे उनकी मेहनत एवं ईमानदार छवि ने आगे बढ़ाने में मदद की उनके शुभचिंतकों के सूची में शामिल अशफाक अली , रब नवाज खान, अजीम अहमद, वसी अहमद , अरशद अली , समीर फारुकी, नदीम सिद्दीकी , जफर जाफरी, साबिर , जाहिद अली , चीकू, निरंजन और करीबियों ने खुशी इजहार किया और उनके उज्जवल भविष्य का कामना करते है ।
यह न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि हमारे देश और अलीग बिरादरी के लिए भी गर्व का विषय है। असलम परवेज़ का आपदा प्रबंधन और रिस्क न्यूनीकरण में अद्वितीय अनुभव और उनकी दूरदर्शिता न केवल एडीपीसी के उद्देश्यों को नई ऊंचाई पर ले जाएगी बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगी।
जावेद अहमद , संपादक – वक्फ टूडे ने उनकी नई भूमिका में सफलता की कामना करते हैं और आशा करते हैं कि वे अपनी नेतृत्व क्षमता से दुनिया भर में आपदा प्रबंधन और जलवायु लचीलापन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगे।