
राज्य सरकार ने स्टांप कमी से संबंधित लंबित विवादों के त्वरित निस्तारण के लिए “स्टांप कमी समाधान योजना” को पुनः लागू किया है। यह योजना 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी। इसके तहत पक्षकारों को स्टांप कमी और ब्याज के अतिरिक्त मात्र ₹100 का अर्थदंड जमा करना होगा।
योजना से जनमानस को लाभ:
1. पुराने लंबित विवादों का त्वरित निस्तारण:
इस योजना के माध्यम से पुराने और लंबित विवादों का शीघ्र निपटारा होगा, जिससे न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी।
2. अर्थदंड में राहत:
स्टांप कमी का अर्थदंड जो पहले चार गुना तक हो सकता था, उसे घटाकर अधिकतम ₹100 तक सीमित कर दिया गया है। यह जनता के लिए एक बड़ी राहत है।
3. ब्याज का भार कम:
लंबित विवादों के कारण ब्याज की धनराशि बढ़ने का बोझ जनता पर पड़ता था। त्वरित निस्तारण से यह भार काफी हद तक कम हो जाएगा।
4. राजस्व आय में वृद्धि:
इस योजना के तहत विवादों के शीघ्र निस्तारण से राज्य सरकार को राजस्व की वसूली में तेजी आएगी, जिससे राज्य की आय में वृद्धि होगी।
योजना के उद्देश्य और लाभ:
लंबित मामलों में कमी:
योजना के तहत लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण होगा। इससे न्यायालयों में बढ़ते हुए विवादों का बोझ कम होगा।
न्याय प्रक्रिया में सुधार:
न्याय प्रक्रिया में होने वाली देरी के कारण जनता और सरकार को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम है।
पक्षकारों को राहत:
स्टांप कमी और ब्याज के मामलों में पक्षकारों को अनावश्यक कानूनी प्रक्रियाओं से राहत मिलेगी।
लंबित मामलों की स्थिति:
प्रेस नोट के अनुसार, राज्य के विभिन्न न्यायालयों में स्टांप कमी से संबंधित 53,631 मामले लंबित हैं, जिनमें स्टांप कमी की कुल राशि ₹5,497.90 करोड़ है। इन मामलों का विवरण इस प्रकार है:
योजना के क्रियान्वयन के निर्देश:
राज्य सरकार ने सभी जिला स्तरीय स्टांप कलेक्टर न्यायालयों, मंडलीय न्यायालयों, और संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे सभी पक्षकारों को इस योजना की जानकारी दें। इसके लिए उन्हें निर्धारित प्रारूप में नोटिस भेजे जाएंगे।
योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया:
योजना लागू होने की तिथि तक लंबित विवादों के पक्षकार, यदि स्टांप कमी और नियमानुसार देय ब्याज का भुगतान करने के इच्छुक हैं, तो वे संबंधित अधिकारी के समक्ष आवेदन कर सकते हैं।
अधिकारी इन मामलों का निस्तारण त्वरित रूप से करेंगे, जिससे पक्षकार योजना का लाभ उठा सकें।
योजना का प्रभाव:
राज्य सरकार को त्वरित राजस्व प्राप्त होगा।
जनता को लंबित विवादों से राहत मिलेगी।
न्यायालयों का बोझ कम होगा।
यह योजना राज्य सरकार द्वारा न्याय प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया एक सराहनीय कदम है।
आप इसे अपने उपयोग के अनुसार और संशोधित कर सकते हैं।