डसना कब्रिस्तान से नाजायज कब्जा खाली करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश
वक्फ नंबर 59 पठनान, डसना कस्बा, गाजियाबाद
वक्फ टुडे : मुफ्ती अब्दुल गफ्फार ,
दिल्ली : वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 पार्लियामेंट में जेरे बहस है वहीं पर गुजरात उत्तर प्रदेश में इबादतगांहो पर बुलडोजर चलाया जा रहे हैं। लेकिन एक हकीकत यह भी है नाजायज कब्जेदारों से दुखी आवाम निजात पाने के लिए अदालतों का रुख अपनाया है। एक डसना कब्रिस्तान का भी मामला सुर्खियों में है ।
वक्फ नंबर 59 रकबा 36 बीघा,तहसील डसना जिला गाजियाबाद पिछले 29 सालो से इस कब्रिस्तान पर 60 से ज्यादा झुगियों का बसावट था । वक्फ वेलफेयर फोरम की टीम ने 11 अक्टूबर 2021 को एंटी भू माफिया एक्ट के तहत खाली कराया गया था। लेकिन लोकल सिंडिकेट के मदद से दोबारा कब्रिस्तान पर बसावट हो गया और यह सभी कब्जेदार मुसलमान बताए जाते हैं।
क्या मिल्ली तंजीम जिनके हेडक्वार्टर दिल्ली से महज 30 किलोमीटर दूर है कोशिश नहीं करती है ? जी बिल्कुल नहीं करते क्योंकि यह खुद बड़े कब्जेदार है। लेकिन जब दिल्ली में बड़े प्रोग्राम करना होता है तो गाजियाबाद, बुलंदशहर, नोएडा , अलीगढ और मेरठ से बसो में भरकर बड़ी तादाद इक्कठा कर जोर आजमाइश के लिए प्रदर्शित किया जाता है। लेकिन जब इन तंजीम की अवाम को जरूरत पड़ती है तब नादारद पाए जाते है। अब वक्त आ गया है कि आवाम खुद उठ खड़ी हो और अपनी अवकाफ की हिफाजत करे।
Video Link:-
https://youtu.be/D7t8fgjfLrM?si=uoYqvBw-z1FxTnYd
गौर तलब है कि वाहिद खान , सचिव वक्फ वेलफेयर फोरम, गाजियाबाद के टीम डा शहजाद , जमालूदीन और अब्दुल गफ्फार की कोशिश एवं पैरवी से इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 हफ्ते के अंदर जिला प्रशासन को खाली करने का आदेश पारित किया जो 27 फरवरी, 2025 को मियाद पूरी हो रही है।
इस पूरे प्रकरण में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और डिप्टी कमिश्नर सर्वे गाजियाबाद की भूमिका शून्य रही।