केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खास डेलीगेशन से मुलाकात की संसद में हुई मीटिंग में डेलीगेशन में ओवैसी और चंद्रशेखर आज़ाद भी शामिल थे

‘केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खास डेलीगेशन से मुलाकात की
संसद में हुई मीटिंग में डेलीगेशन में ओवैसी और चंद्रशेखर आज़ाद भी शामिल थे।
वक्फ टुडे
नई दिल्ली : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के एक हाई-लेवल डेलीगेशन ने आज केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू के साथ उनके पार्लियामेंट्री चैंबर में एक डिटेल्ड मीटिंग की। डेलीगेशन में AIMIM प्रेसिडेंट और MP असदुद्दीन ओवैसी और आज़ाद समाज पार्टी के प्रेसिडेंट और MP चंद्रशेखर आज़ाद भी शामिल थे। यह एक अलग अलग पॉलिटिकल आइडियोलॉजी वाले नेताओं का एक टेबल पर इकट्ठा होना इस मीटिंग की बहुत बड़ी अहमियत को दिखाता है।
बोर्ड के टॉप अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि देश के अलग-अलग हिस्सों में माइनॉरिटी कम्युनिटी के सामने आने वाली चुनौतियों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है, जिसमें पढ़ाई के मौके, शरिया की सुरक्षा, धार्मिक संस्थाओं की ऑटोनॉमी और सामाजिक सद्भाव शामिल हैं।
असदुद्दीन ओवैसी और चंद्रशेखर आज़ाद ने भी अपने-अपने पॉलिटिकल प्लेटफॉर्म को रिप्रेजेंट करते हुए मिनिस्टर के सामने माइनॉरिटी के मुद्दे और ज़मीनी हकीकत रखी। दोनों नेताओं ने ज़ोर दिया कि सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए जो न सिर्फ़ संवैधानिक गारंटी को मज़बूत करें बल्कि माइनॉरिटी कम्युनिटी का भरोसा भी वापस लाएं, साथ ही वक्फ ज़मीन के रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए “उम्मीद” पोर्टल को और बेहतर बनाया जाए।
गौरतलब है कि ऑल इंडिया बोर्ड 4 दिसंबर 2025 को केंद्रीय मंत्री से वक्त मागा था जिसमें उम्मीद पोर्टल के रजिस्ट्रेशन के लिए और अहम मुद्दा था ।
जब मंत्री ने इस मौजूद पर इस एजेंडा पर बात करने के लिए वक्त नही दिया तो ओवैसीके कियायदत में यह मीटिंग किया गया। जिसमें बिल के विरोध में जुड़े हुए घटक दल जैसे समाजवादी और अन्य दल आज के मीटिंग का हिस्सा नहीं बने।


